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मिथिलाक पर्यायी नाँवसभ

मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Friday 25 March 2016

पद्य - ‍१६‍२ - कचबचिया (बाल कविता)

कचबचिया (बाल कविता)



कचबच - कचबच  बड़ी करै छेँ,
कहबौ हम कचबचिया तोरा ।
सुन्नर  देह,  रंग  सुन्नर  छौ,
पर तोर बोल  किए छौ रोड़ा ।।*

कौआ कुल केर,  तेँ कौए सनि,
बोल  छै   कर्कश   ओक्कर ।*
ओना  एक टा  आओरहु स्वर,
जे  लागए   मीठ - मनोहर ।।*

मुदा जे  कर्कश  ध्वनि  तोहर,
से   बेसी   छैक    उजागर ।
तेँ  संस्कृतसँ   मैथिली   धरि,
भेल तोहर नाम  केर कारक ।।*

सौंसे    भारत    भरि    भेटैछ,
मैदान    हो  या  कि    पठार ।*
ऊँच  हिमालय  पर  भेटैत  अछि,
तोर      विशिष्ट      प्रकार ।।*




संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - कचबचिया केर नाम ओकर कर्कश वा अप्रिय स्वरक (UNPLEASANT SOUND) कारण पड़ल अछि । इएह गुणक कारण उल्लूक पर्यायी नाँओ सेहो कचबचिया अछि ।

* - कचबचिया सेहो कौआ कुल (Family - CORVIDAE) केर सदस्य अछि आ तेँ ओकर बोल सेहो किछु - किछु साम्य रखैत अछि ।

* - कचबचिया ऊपर वर्णित स्वरक अलावे एक टा आओरो स्वर निकालैत अछि जे मीठ आ कर्णप्रिय (LOUD MUSICAL CALLS) होइत अछि ।

* - कहबी छै जे नीक गुण केओ नञि देखैत अछि पर खड़ाब गुण जगजियार भऽ जाइत अछि । सएह एहि चिड़ै लेल सेहो उचित । मैथिली, संस्कृत, बंगाली आदि भाषामे एकर जे नाम पड़ल अछि से एकर खड़ाब बोलक कारण जखनि कि एकर नीक बोल बहुधा लोक आन चिड़ै केर बूझि जाइत अछि ।

*- ई चिड़ै सौंसे भारतमे भेटैत अछि आ भारतहि किएक सौंसे भारतीय उपमहाद्वीप मे भेटैछ ।

*- हिमालय केर अधिक ऊँचाई बला भागमे एकर एक आन प्रकारभेटैत अछि जकरा हिमालयी कचबचिया (GREY TREEPIE / HIMALAYAN TREEPIE) कहल जाइत अछि । एकर जैववैज्ञानिक नाँओ Dendrocitta formosae  अथवा Dendrocitta  himalyensis  अछि । एकर पेट कनेक बेसी मोट होइत अछि आ पाँखि तथा नाङ्गरिमे उजरा रंग नञि रहैत अछि ।


मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍197म अंक (‍01 मार्च 2016) (वर्ष 9, मास 99, अंक ‍197) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।


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