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मिथिलाभाषाक (मैथिलीक) बोलीसभ

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Tuesday 31 January 2017

पद्य - ‍२‍३‍१ - भगजोगनी (बाल कविता)

भगजोगनी (बाल कविता)





गे भगजोगनी, बड़ चमकै छेँ !
कतएसँ  बिजुरी  अनने  छेँ ।
घुप्प अन्हरिया,  बाटक कातेँ,
चकमक चकमक कएने छेँ ।।

आबि   गेलेँ   हमरा   सोझाँ,
हमरा  हाथक  तरहत्थी  पर ।
बिजुरीसँ  ने  हाथ  जरैतछि,
छौ  इजोत  तोहर शीतल ।।*

पेटक निचुला भाग पता नञि,
केहेन  माया   रचने   छेँ !
डिबिया - टेमी बिना तोँ सौंसे,
भुक्-भुक् भुक्-भुक् कएने छेँ ।।

पीच सड़क केर कातेँ - कातेँ,
जमकल पानि आ गाछ छै
ताहि गाछ पर  सत्ता - सोड़े,
भगजोगनी केर  बास छै ।।*

भारी  बरखा  आ  ठण्ढीमे,
पतनुकान  लऽ  लैत  छै ।
बरखक शेष समएमे तँऽ,
भुक् - भुक् - भुक् चमकैत छै ।।*

भगजोगनीकेँ पकड़ि -  पकड़ि,
बन्न  करैत छी  शीशीमे ।
भूर  छी  कएने  मुन्नामे,
साँस लेबा  लेल शीशीमे ।।*






संकेत आ किछु रोचक तथ्य -

* - भगजोगनीक उदर भाग (VENTRAL SURFACE) केर नीचाँमे विशिष्ट अवयवी संरचना होइत अछि जकरा प्रकाश उत्पादक अंग (LIGHT EMITTING ORGANS) कहल जाइत अछि । एहिमे ल्यूसीफेरेज (LUCIFERASE) नामक एकटा किण्वक या एञ्जाइम (ENZYME) होइत अछि जे ऑक्सीजन आ मैग्नेशियम आयनक (Mg++) उपस्थितिमे ल्यूसीफेरीन (LUCIFERIN) नामक रासायनिक पदार्थ पर क्रिया कऽ कऽ प्रकाश या इजोत उत्पन्न करैछ । एहि तरहेँ इजोतक उत्पत्ति जैव संदीप्ति (BIOLUMINESCENCE) केर उदाहरण अछि । भगजोगनीक एहि इजोतकेँ शीत इजोत (COLD LIGHT) कहल जाइत अछि । एहि इजोतमे पराबैगनी (ULTRA VIOLET) अवरक्त (INFRA RED) किरण नञि रहैत अछि । अवरक्त किरणक अनुपस्थितिक कारणेँ एहिमे उष्णता या गर्मी नञि रहैत अछि आ तेँ छुअबा (छूबा) पर हाथ नञि पाकैत अछि । विश्वमे भगजोगनीक करीब दू (दुइ) हजार जाति (SPECIES) होइत अछि । भगजोगनीक विभिन्न जाति-प्रजातिक अनुसारेँ एहि इजोतक रंग पीयर, हरियर या पिरौंछ लाल भऽ सकैत अछि ।

* - भगजोगनी दलदली अथवा पानि लागल ओ गाछ-बिरिछसँ युक्त जगह सब पर रहैत अछि । एहि तरहक आवास क्षेत्र (HABITAT) अपना दिशि पीच (पक्का) सड़कक कातेँ-कातेँ आसानीसँ भेटि जाइत अछि कारण अछि ओहि सड़कक दूनू कात माटि कटलासँ गँहीर भेल स्थानमे बरख या बाढ़िक पानिक जमाव आ संगहि - संग भेल वृक्षारोपण ।

* - आन सन्धिपाद प्राणी (Arthropods) सब जेकाँ भगजोगनी सेहो शीतरक्तीय प्राणी (Cold blooded / Poikilothermal animal) अछि आ तेँ ठण्ढीक समएमे ओ पतनुकान लऽ लैत अछि अर्थात् शीतनिष्क्रिय अवस्थामे (Hibernating Stage) चलि जाइत अछि । किछु तँऽ बेङ्ग आ भेंक जेकाँ माटिक भीतर नुकाए रहैत अछि । तहिना बेसी तेज बरखा भेला पर सेहो ।

* - बहुतहु लोक अपन नेनपनमे भगजोगनीकेँ पकड़ि शिशीमे किछु काल वा किछु दिनक लेल बन्न कएने होएताह आ एखनहु धियापुता सब करैत अछि ।



मैथिली पाक्षिक इण्टरनेट पत्रिका विदेह केर ‍218म अंक (‍15 जनबरी 2017) (वर्ष 10, मास 109, अंक ‍218) केर बालानां कृते स्तम्भमे प्रकाशित ।





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